पैरा ओलिंपिक meaning: क्या होती है पैरा ओलिंपिक संपूर्ण जानकारी

क्या है पैरा ओलिंपिक, पैरा ओलिंपिक न केवल पूरी दुनिया के दिव्यांगों के लिए आयोजित खेल समारोह ही नहीं बल्कि उनके सपने को साकार करनेवाला प्लेटफॉर्म भी है। पैरा ओलिंपिक की सफलता में तकनीक की बड़ी अहम भूमिका रही है। सोचो, जिन के पैर न हो फिर भी वह बैडमिंटन खेल सके। यह अपने आप में करिश्माई है।

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क्या होती है पैराओलिंपिक

यह उन दिव्यांग खिलाड़ियों के हौसलों की जीत का महाकुंभ है। जहां से उन्हें ढेर सारी खुशियां मिलती है। पैरा ओलिंपिक एक मल्टी स्पोर्ट इवेंट होता है। जिसका आयोजन ओलिंपिक खेलों के ठीक बाद इंटरनेशनल पैरा ओलिंपिक कमेटी के द्वारा करवाया जाता है। पिछले पैरा ओलिंपिक दो नए खेल डोंगी रेस और ट्रायथलॉन को भी शामिल किया गया ह

कब हुई थी इसकी शुरुआत

1948 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ही पैरा ओलिंपिक खेलों की शुरुआत हुई। चुकी युद्ध के दौरान दिव्यांग हो गए लोगों ने इसमें भाग लिया। हालांकि, इन खेलों के लिए इस तरह से स्पॉन्सर नहीं मिले जिस तरह से ओलंपिक खेलों के लिए मिलते हैं, लेकिन अब पैरा ओलिंपिक खेलों को भी लोगों का प्रोत्साहन मिल रहा है। पहली दिव्यांग खिलाड़ी जर्मन अमेरिकी नागरिक जॉर्ज आथशर थे।

ओलंपिक से इसका रिश्ता

दरअसल, हर देश ओलंपिक खेलों को, लो होस्ट करना चाहते थे। लेकिन पैरा ओलिंपिक खेलों को होस्ट करने से कतराते थे। इससे उनको घटे का खतरा रहता था। इसे देखते हुए इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी और इंटरनेशनल पैरा ओलिंपिक के द्वारा एक करार किया गया कि जिस भी सिटी में ओलंपिक खेलों का आयोजन होगा वही पैरा ओलिंपिक खेल भी आयोजित होंगे।

कई मजेदार खेलों का समागम है पैरा ओलिंपिक

कहते हैं मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके के सपने में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान लेती है। शारीरिक तौर पर दिव्यांग होना भी लोगों को खेलों से दूर नहीं कर सकता। फिर चाहे खेल बैडमिंटन हो या कुश्ती। दुनिया में कई ऐसे संस्थाएं हैं, जो दिव्यांग लोगों को खेलने का मौका देती है। व्हीलचेयर बास्केटबॉल खेल की कल्पना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अस्तित्व में आई थी।

जब युद्ध के दौरान अपाहिज हुए दिग्गजों द्वारा रचित व्हीलचेयर बास्केटबॉल का खेल शुरू हुआ। इसी प्रकार ब्लाइंड टेनिस के दौरान हवा में तैरती बॉल को ज्यादा से ज्यादा ताकत से मारना होता है। इस बॉल में आवाज भी होती है। जिसकी स्थिति का अंदाजा लगा कर नेत्रहीन व्यक्ति उसे शॉट मार सकता है। बिना पैरों के रेस जीत कर दिखाता है। तो वह पल कितना शानदार होता होगा।

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आज आपने क्या सीखा

आज आपने यह सीखा की पैरा ओलिंपिक क्या होती हैं इसमें खिलाड़ी दिव्यांग होते हुए भी खेल प्रतियोगिता में भाग लेते हैं और उस प्रतियोगिता को जीत कर दिखाते हैं। मुझे उम्मीद है कि मेरे द्वारा दिए गए जनरल जानकारी आपको अच्छा लगा होगा। अगर अच्छा लगा है तो प्लीज कमेंट कर के जरूर बताएं कैसा लगा। और जितना हो सके इसे शेयर करना न भूले। धन्यवाद

Manish Kumar
Manish Kumar

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